क्या पता कल......

आज एक बार सबसे मुस्करा के बात करो
बिताये हुये पलों को साथ साथ याद करो
क्या पता कल चेहरे को मुस्कुराना
और दिमाग को पुराने पल याद हो ना हो
आज एक बार फ़िर पुरानी बातो मे खो जाओ
आज एक बार फ़िर पुरानी यादो मे डूब जाओ
क्या पता कल ये बातेऔर ये यादें हो ना हो
आज एक बार मन्दिर हो आओ
पूजा कर के प्रसाद भी चदाओ
क्या पता कल के कलयुग में
भगवान पर लोगों की श्रद्धा हो ना हो
बारीश मे आज खुब भीगो
झूम झुम के बचपन की तरह नाचो
क्या पता बीते हुये बचपन की तरह
कल ये बारीश भी हो ना हो
आज हर काम खूब दिल लगा कर करो
उसे तय समय से पहले पुरा करो
क्या पता आज की तरह
कल बाजुओं मे ताकत हो ना हो
आज एक बार चैन की नीन्द सो जाओ
आज कोई अच्छा सा सपना भी देखो
क्या पता कल जिन्दगी मे चैन
और आखों मे कोई सपना हो ना हो

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  1. क्या पता कल जिन्दगी मे चैन
    और आखों मे कोई सपना हो ना हो

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  2. bahut sahi kaha jo hai aaj karo na jane kal... bahut khub

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  3. बिलकुल,
    हर पल यहाँ जी भर जियो, जो है समाँ
    कल हो न हो!

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  4. सच में, जीने को असली मजा तो हर पल है।

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I am Shalini, PhD Student at Department of Chemistry of DDU Gorakhpur University. I am working on Nanomaterials used as catalyst on the thermal decomposition of Ammonium Perchlorate (AP, NH4ClO4) and on burning rate of composite solid rocket propellants in Prof. Gurdip Singh's Research Group.

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