छूना जो चाहो गगन की......
http://hindikaavaya.blogspot.com/2008/10/blog-post_22.html
छूना जो चाहो गगन की ऊँचाई,
तो चाहो जगत में सभी की भलाई.
मलिन न तुम्हारा ये अन्तर्गगन हो
प्रभा स्वच्छ,पावन,शुभ्रशांत मन हो
ईर्ष्या ,कलुसता ना कभी मन में आये
ह्रदय जलधि जिसका नर,वही नभ में छाये
मिथ्या को तज अपना लो सच्चाई,
चाहो जगत में सभी की भलाई.
तो चाहो जगत में सभी की भलाई.
मलिन न तुम्हारा ये अन्तर्गगन हो
प्रभा स्वच्छ,पावन,शुभ्रशांत मन हो
ईर्ष्या ,कलुसता ना कभी मन में आये
ह्रदय जलधि जिसका नर,वही नभ में छाये
मिथ्या को तज अपना लो सच्चाई,
चाहो जगत में सभी की भलाई.
Vichar achhe hain. Kash har koi yahi sochta.
ReplyDeletethanx...per kam se kam hum aap shurwat toh kar sakte hai...
ReplyDeleteHappy Deepawali