काश ! आते तुम एक बार ................

काश ! आते तुम एक बार
ख्तम होता ये इन्तजार......
कहते तुम कुछ अपनी, सुनते कुछ मेरी
रहते हम दोनो, बस अपने मे गुम..
काश ! आते तुम एक बार.....
बताते....
कैसे कटे ये दिन, कैसी गुजरी ये राते
क्यु थी आखो मे नमी, क्यु थी ये सासे थमी
काश ! आते तुम एक बार ............
काश ! तुम आते आज......
मिलती उम्मीद ज़िन्दगी को
जैसे मिलता है पानी प्यासे को
काश ! आते तुम एक बार .........
मालूम है ये दिल को
ये "काश !" होगा ना पूरा
रहेगा ये सपना अधूरा...
आखो मे एक बूद बन के, दिल मे दर्द बनके...
फ़िर भी करता है, उम्मीद अधुरी सी...
काश ! आते तुम एक बार
कभी ना जाने के लिए
खतम होता ये इन्तजार...
मॊत के आने से पहले॥
17,Feb 2003
by
SHALINI DUBEY

Post a Comment

  1. काश ! आते तुम एक बार
    कभी ना जाने के लिए
    खतम होता ये इन्तजार...
    मॊत के आने से पहले॥
    बहुत सुन्दर लिखा है।

    ReplyDelete
  2. मालूम है ये दिल को
    ये "काश !" होगा ना पूरा
    रहेगा ये सपना अधूरा...
    आखो मे एक बूद बन के, दिल मे दर्द बनके...
    फ़िर भी करता है, उम्मीद अधुरी सी...
    काश ! आते तुम एक बार
    कभी ना जाने के लिए
    खतम होता ये इन्तजार...
    मॊत के आने से पहले॥
    बहुत सुन्दर लिखा है।

    ReplyDelete
  3. ये "काश !" होगा ना पूरा
    रहेगा ये सपना अधूरा...


    "काश! हो जाता सपना ये पूरा!"

    ReplyDelete
  4. nice poem yaar you have shown real aspct of once life bahut kam aisi poem padne ko milti hai

    ReplyDelete
  5. दिल के तारों को झंकृत कर देने वाली हृदयस्पर्शी कविता.....
    कहें क्या शेष
    कुछ है विशेष
    इसमें .........

    ReplyDelete

emo-but-icon

Follow Us

Hot in week

Recent

Comments

Side Ads

Text Widget

I am Shalini, PhD Student at Department of Chemistry of DDU Gorakhpur University. I am working on Nanomaterials used as catalyst on the thermal decomposition of Ammonium Perchlorate (AP, NH4ClO4) and on burning rate of composite solid rocket propellants in Prof. Gurdip Singh's Research Group.

Connect Us

item