सब याद है मुझे..याद है तुम्हे......

तुम हो आये जब से ज़िन्दगी मेरी....
बदली है कुछ यु ज़िन्दगी मेरी..
लगती है अब सुहानी हर सुबह,
वो सूरज की पहली किरन छन के आती है जब कमरे मे...
वो तुम्हे जगाना एक प्याली चाय लिये...
वो शरराते तुम्हे जागने की...सब याद है मुझे..याद है तुम्हे॥

वो चटक सी दुपहिया..
जब सुरज कि तपीश कर देती है मुझको बोझिल..
वो तुम्हारा एक फोन..
दिल को देता है तपती दुपहिया मे भी छाया..
वो पल दो पल की बाते...
सब याद है सब याद है मुझे..याद है तुम्हे॥

तुम्हारे इन्तज़ार मे जब आती है शाम..
लगती जो रोज़ नयी सी..
मन मे रहती है एक उमग...तुम जो हो आने वाले
वो पल पल इन्त्ज़ार का कैसे है गुजरता....
तेरे आने पे मिलती है जो खुशी....सब याद है मुझे..याद है तुम्हे॥

एक ये रात है बस मेरी...
जो तुम हो साथ मेरे...मेरे सिर्फ़ मेरे लिये
तुम से होती वो सारी बाते..
मेरा बहुत कुछ कहना...तुम्हारा वो सब कुछ सुनना..
वो तुम्हरा सीमित शब्दो मे ही सब कुछ कहना...
सब याद है मुझे..याद है तुम्हे॥

वो तुम्हरा हॊले से आखो को मुदना...
वो नीदिया का धीमे से आना..
मेरा फिर भी तुम्हे जगाना..
फिर धीमे से तुम्हे थपकी दे के सुलाना...
सोते हुए तुम्हे निहरना ..सब याद है मुझे..याद है तुम्हे॥

ये मेरा प्यार है तुम्हारे लिये...
ये तेरा प्यार है मेरे लिये..
मेरी छोटी -२ ज़िद को पुरा करना..
मुझसे जब तेरा मेरा ख्याल करना..
तेरा वो प्यार सब याद है मुझे..
मुझे पता है.... सब कुछ हा सब कुछ याद है तुम्हे॥

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I am Shalini, PhD Student at Department of Chemistry of DDU Gorakhpur University. I am working on Nanomaterials used as catalyst on the thermal decomposition of Ammonium Perchlorate (AP, NH4ClO4) and on burning rate of composite solid rocket propellants in Prof. Gurdip Singh's Research Group.

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