ख्वाब............

तेरी याद जब आती है हमे...
गहरी नीद से भी जगाती है हमे...
कल आये थे नज़र तुम ख्वाब मे हमे..
तुमने बस थामा था हमे..
सब कुछ सच नज़र आया था हमे...
पर...
जब ढूढा तुम्हे
तो कुछ टूटा नज़र आया हमे...

by SHALINI
22 Aug 2002

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  1. तेरी याद जब आती है हमे...
    गहरी नीद से भी जगाती है हमे...
    कल आये थे नज़र तुम ख्वाब मे हमे..
    तुमने बस थामा था हमे..
    सब कुछ सच नज़र आया था हमे...
    पर...
    khoosurat khayal

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  2. भाव अच्चे हैं लेकिन जिंदगी के नैराश्य को दर्शाती यह कविता ब्याक्तिगत कमजोरी को परिलक्षित करती प्रतीत होती है.....एक सपने के टूटने का दर्द शब्दों में उतर आया, जैसे कि आप सपने देखती ही नहीं. कल फिर नया सपना आएगा...जब सपनों के टूटने का इतना ही डर है तो मेरी मानिये सपनों में ही जीना शुरू कर दीजिये.....हा हा हा हा हा
    पीछे मुड़ तू देख नहीं री आगे दुनिया बहुत पड़ी है..

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  3. मिलन हो ख्वाब में चाहे वो सब कुछ जोड़ जाती है।
    विरह की वेदना तो जिन्दगी को तोड़ जाती है।।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
    कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
    www.manoramsuman.blogspot.com

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I am Shalini, PhD Student at Department of Chemistry of DDU Gorakhpur University. I am working on Nanomaterials used as catalyst on the thermal decomposition of Ammonium Perchlorate (AP, NH4ClO4) and on burning rate of composite solid rocket propellants in Prof. Gurdip Singh's Research Group.

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