तुम मेरे पास हो ..........
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मुझे लगता है की तुम मेरे पास हो
मेरी बिखरी यादो की आवाज़ हो
जिसे मै चुपचाप जाते देखती रही
तुम वही गया हुआ मधुमास हो.....
.......सिर झुका कर आज भी
जहा मागती रही तुमको
वह जगह तो थी पत्थर
तुम भी तो अब खुबसूरत ताज़ हो....॥
मेरी बिखरी यादो की आवाज़ हो
जिसे मै चुपचाप जाते देखती रही
तुम वही गया हुआ मधुमास हो.....
.......सिर झुका कर आज भी
जहा मागती रही तुमको
वह जगह तो थी पत्थर
तुम भी तो अब खुबसूरत ताज़ हो....॥
वह जगह थी पत्थर...यह बहुत खूबसूरत खयाल है
ReplyDeleteबहुत गहरी भावनाएं है आपकी कविता में
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