मैं नीर भरी .........
http://hindikaavaya.blogspot.com/2008/10/blog-post_02.html
मैं नीर भरी दुःख की बदली ......
विस्तृत नभ का कोना .....
परिचय इतना इतिहास यही....
उमड़ी कल थी मिट आज चली...
विस्तृत नभ का कोना .....
परिचय इतना इतिहास यही....
उमड़ी कल थी मिट आज चली...
ये पंक्तिया हिन्दी कवियत्री महादेवी वर्मा की है.....
इस लिए प्रारम्भ इसी महान कवित्री से......
इस लिए प्रारम्भ इसी महान कवित्री से......